अरुण कुमार चौधरी
डुमरी : 5 सितंबर को डुमरी उपचुनाव की वोटिंग होगी. इस बार यह चुनाव कई महीनो में महत्वपूर्ण हो गया है. जीत किसे मिलेगी, इसका पता तो 8 सितंबर को ही चलेगा. इलाके में जो चर्चा है, उसके मुताबिक मधुपुर की तरह ही डुमरी में भी महागठबंधन को सफलता मिल सकती है. सफलता के पीछे कई तर्क दिए जाते है. जिसमें सबसे बड़ा तर्क यह है कि टाइगर जगरनाथ महतो के प्रति लोगों में काफी सहानुभूति है. इस सहानुभूति का लाभ उनकी पत्नी और महागठबंधन उम्मीदवार बेबी देवी को मिलेगा.
वैसे, अगर 2019 के चुनाव की बात की जाए तो झारखंड मुक्ति मोर्चा से लड़ रहे जगरनाथ महतो को 71,128 वोट मिले थे. जबकि भाजपा के प्रदीप साहू को 36,013 और आजसू की यशोदा देवी को 36,840 वोट मिले थे. अगर भाजपा और आजसू का वोट जोड़ भी दिया जाए, तो जगरनाथ महतो को मिले वोट से थोड़ा ही अधिक है. इस बार डुमरी में चुनाव थोड़ा अलग हो रहा है. एक तरफ सत्ता पक्ष ताल ठोके हुए है तो विपक्ष भी पीछे नहीं है. टाइगर जगरनाथ महतो डुमरी विधानसभा से 2005, 2009, 2014 और 2019 में लगातार विधायक चुने गए थे. 2019 में आजसू की यशोदा देवी को उन्होंने परास्त किया. भाजपा तीसरे नंबर पर थी. इस बीच 6 अप्रैल को टाइगर का निधन हो गया और उसके बाद यह उपचुनाव हो रहा है. झारखंड में परिवार में किसी सदस्य के निधन के बाद मंत्री पद पाने वाली टाइगर जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी दूसरी बन गई है.
इसके पहले अक्टूबर ‘2020 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पहले उनके बेटे को मंत्री बनाया और फिर मधुपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ाया. जहां से उन्होंने जीत हासिल की. डुमरी में भी शायद यही होने वाला है. यह बात अलग है कि झारखंड में महतो वोटरों की बहुतायत है. पूरे राज्य की बात करें तो लगभग 25 प्रतिशत महतो वोटर हैं . यह बात अलग है कि डुमरी से बेबी देवी को उम्मीदवार बनाने को लेकर झारखंड के कई महतो नेता हेमंत सोरेन से इत्तफाक नहीं रखते हैं, लेकिन टाइगर जगरनाथ महतो के नाम पर सारे के सारे एकजुट हैं . उम्मीद की जा रही है कि महतो वोट बेबी देवी के पक्ष में जाएगा. वैसे, 2019 में भाजपा और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़ रहे थे लेकिन इस बार गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं. आजसू की उम्मीदवार स्वर्गीय दामोदर महतो की पत्नी यशोदा देवी है. 2019 में भी वह चुनाव लड़ी थी लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा था.
बेबी देवी फिलहाल झारखंड सरकार में मंत्री हैं और डुमरी उपचुनाव चुनाव से चुनाव लड़ रही है. यह अलग बात है कि बेबी देवी के पक्ष में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई लोग लगातार कम्पैन कर रहे हैं तो गठबंधन के पक्ष में बाबूलाल मरांडी सहित कई नेता उतरे हुए है. बेबी देवी की जीत को लोग इसलिए पक्की मान रहे हैं कि 2005 से लेकर 2019 तक लगातार यह सीट जगरनाथ महतो के कब्जे में रही. जगरनाथ महतो ने इलाके के लिए बहुत कुछ किया भी है. लोग अपने पर किये गए उपकार को उनकी पत्नी को जीता कर चुकाना भी चाहते हैं. लोगों के मन में उनके प्रति सहानुभूति है. इसका लाभ बेबी देवी को मिलता दिख रहा है. महतो वोट भी बेबी देवी के पक्ष में जाता दिख रहा है. लगभग 57 वर्षीय टाइगर जगरनाथ महतो के निधन के बाद जब उनका पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो लोगों का हुजूम उमड़ पाड़ा था. यह बताने के लिए काफी है कि टाइगर अभी भी जिंदा है. वैसे निश्चित रूप से तो 8 सितंबर को ही परिणाम की घोषणा होने के बाद कुछ कहा जा सकता है लेकिन लोगों का यही कहना है कि डुमरी से बेबी देवी ही जीतेगी.
ऐसे भी इस चुनाव में इंडिया गठबंधन की ओर को मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव देखा जा रहा है औऱ इस क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीबन 25000 के है!जिससे यह पक्का लगता है कि इंडिया गठबंधन का पलड़ा भारी है !
डुमरीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो की क़ुर्बानी के कारण डुमरी विधानसभा उपचुनाव लड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी-मूलवासियों के प्रति जगरनाथ महतो को हमेशा लगाव था। वे लोगों के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे। शायद ही किसी ने ऐसा नेता देखा जिन्होंने मौत के मुंह से बच कर आने के बाद भी जनता के लिए अपने आपको पूरा समर्पित कर दिया। हेमंत सोरेन रविवार को डुमरी विधानसभा क्षेत्र के नावाडीह प्रखंड के उपरघाट मैदान में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। हेमंत सोरेन ने कहा कि जगरनाथ महतो ने हर समाज और व्यक्ति के लिए ऐसी लम्बी लकीर खींची है कि विपक्ष में बैठे लोगों को उनके बराबर आने में सात जन्म लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अभी सभी को काफी सचेत रहना है। विपक्ष के लोग अंतिम समय तक पैसे की ताकत दिखाने का काम करेंगे। लेकिन उम्मीद है कि क्षेत्र के सभी मतदाता अपने बड़े भाई जगरनाथ महतो के उस ताकतवर चेहरे को याद कर अपना वोट डालेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो जी झारखण्डी अस्मिता को बचाने के लिए लगातार संघर्ष करते रहे। कोरोना जैसी महामारी में राज्य ने दो-दो मंत्रियों को खोया। लाख मना करने के बावजूद वो जनता की सेवा करते रहे। कहा जाता है कि इंसान का शरीर मर जाता है मगर उसका कर्म कभी नहीं मरता। जब तक झारखण्ड राज्य रहेगा, टाइगर जगरनाथ महतो का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोकारो में जगरनाथ महतो के नाम से अस्पताल बनाया जाएगा। यहां भी डिग्री कॉलेज का नाम जगरनाथ महतो के नाम पर रखा है। वहीं डुमरी विधानसभा में नेतरहाट की तर्ज़ पर स्कूल बनेगा। उन्होंने कहा कि वंचित समाज के युवाओं को सौ प्रतिशत स्कॉलरशिप के साथ उच्च शिक्षा के लिए सरकार ने विदेश भेजने का काम कर रही है। डुमरी विधानसभा के अलारगो पंचायत से भी एक युवा को हम पढ़ने के लिए विदेश भेज रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूल्हा प्रमुख के नाम पर विशेष रूप से महिलाओं को टार्गेट करने में यह लोग लगे हुए हैं। लिफाफे में पैसा देकर वोट खरीदने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली कि उपचुनाव में छापेमारी के दौरान लाखों रुपया पकड़ा गया और यह भी बताया जा रहा है कि वो पैसा विपक्षियों का था। लिफाफे में पैसा भरकर चूल्हा प्रमुखों को शायद पैसा देने के लिए यह तैयारी कर रहे हैं। कोई बात नहीं, वैसे भी पूँजीपतियों और पैसे वाले इन विपक्ष के लोगों से लड़ने का हमारा पुराना इतिहास रहा है।
दूसरी ओर सुदेश कुमार महतो की अगुवाई में निकाली गई पदयात्रा में कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ उमड़ी। सीमराडीह मोड़ से शुरू हुई यह पदयात्रा डुमरी, जामतारा, होते हुए इसरी बाजार रेलवे गेट पर सम्पन्न हुई। पांच किमी की इस पदयात्रा में इसमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल हुईं। बारिश भी उन्हें डिगा नहीं सकी।
इस दौरान सुदेश महतो ने उत्साह से लबरेज कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कहा कि यह अपार जनसमर्थन डुमरी में होने वाले परिवर्तन का परिचायक है। डुमरी को विकास के पथ पर ले जाने के लिए यहां की जनता पदयात्रा में शामिल हुई है। यह उनलोगों का समर्थन, स्नेह और प्यार है, जिन्होंने पिछले 19 सालों से डुमरी में भय, भ्रम और भ्रष्टाचार को देखा और सहा है। और अब बदलाव के लिए लालायित है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर उतरा यह जनसैलाब ठग, झूठ और फरेब के सहारे चल रही सरकार के खिलाफ आक्रोश की गवाही दे रहा है।
उन्होंने सरकार के मंत्रियों और सत्तारूढ़ दलों के नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि 8 तारीख को एनडीए उम्मीदवार यशोदा देवी की जीत के साथ पूरे राज्य में बदलाव की लहर चलेगी जो सत्ता को जड़ से उखाड़ फेंकेगा
पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि डुमरी विधानसभा क्षेत्र के 70 पंचायतों का उन्होंने दौरा कर सभाएं की है। जनता से हमारा सीधा जुड़ाव सत्तारूढ दलों को खटकता रहा है, लेकिन यह जुड़ाव उन्हें भारी पड़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने प्रचार से पहले ही तय किया है कि यह चुनाव मंच से नहीं पंच के बीच से लड़ेंगे और उनकी समस्याओं से रूबरू होंगे। जाहिर है वोट में उन्हीं पंचों की ही चलेगी।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रचार के दौरान एनडीए कार्यकर्ताओं को डराकर-धमकाकर जनता का समर्थन हासिल करने की तमाम कोशिशें विफल होने के बाद अब झामुमो वाले वोट खरीदने का आखिरी दांव चलेंगे। एक- एक गांव, बूथ की मजबूती से पहरेदारी करनी है। आम जनता को उन्होंने पहले ही मंत्र दिया हैरू ष्चुपचाप केला छाप, कोई वोट छूटे नहीं और किसी का वोट लूटे नहींष्. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह चुनाव उस सरकार के खिलाफ है, जिन्होंने जनता का विश्वास तो लिया लेकिन जनता की सेवा कभी नहीं की। 19 साल तक डुमरी में राज करने वालों ने इस क्षेत्र के विकास के बारे में कभी नहीं सोचा।
इसके साथ -साथ एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी झारखंड में डुमरी सीट पर उपचुनाव के प्रचार के लिए डुमरी हाई स्कूल मैदान में एक जनसभा को सम्बोधित किया। अपने संबोधन के दौरान ओवैसी राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों पर खूब गरजे। लेकिन इस दौरान एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। जानकारी के मुताबिक ओवैसी की रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। जिसके बाद ओवैसी खुद हैरान रह गए और उन्होंने नारे लगाने वाले को फटकार भी लगाई है। इस पर भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई है। झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने ओवैसी पर जमकर हमला बोला है।